Cloud burst in Kullu: देश में मॉनसून की एंट्री के साथ ही अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में बादल फटने की घटना ने सबको चौंका दिया। इस बादल फटने की वजह से इलाके के जीवा नाले में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके बाद प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, पार्वती नदी भी उफान पर है, और पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। अच्छी बात ये है कि अब तक इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फिर भी, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं।
बादल फटने की इस घटना के बाद प्रशासन ने कोई जोखिम न लेते हुए लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और नदियों या नालों के किनारे जाने से बचें। प्रशासन ने यह भी कहा है कि लोग उनके द्वारा जारी किए गए अलर्ट और निर्देशों का पालन करें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है, और कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश की भी आशंका जताई है। कुल्लू जिले में पहले भी मॉनसून की वजह से बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके चलते प्रशासन इस बार कोई ढिलाई नहीं बरत रहा। सैंज घाटी में जीवा नाले के आसपास बसे गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
हिमाचल में मॉनसून का कहर
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने इस बार खासा कहर बरपाया है। कुल्लू के अलावा कांगड़ा, मंडी, शिमला, और सिरमौर जैसे जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने बुधवार के लिए सात जिलों—ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, और सिरमौर—में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को भी नौ जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में तेज बहाव वाली नदियां और भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है, जिसके चलते मॉनसून का मौसम यहां खासा जोखिम भरा होता है। पर्यटकों को भी सलाह दी गई है कि वे कुल्लू, बिलासपुर, और ऊना जैसे जिलों में नदियों के पास न जाएं और खराब मौसम में वाटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियों से बचें।
गुजरात में मॉनसून की मार
हिमाचल के अलावा गुजरात में भी मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है। राज्य के 26 जिलों में भारी बारिश की वजह से हालात गंभीर हो गए हैं। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। गुजरात के अरावली जिले में खेत पानी में डूब गए हैं, और सूरत में सड़कों पर पानी भरने से कई गाड़ियां जलमग्न हो गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य के तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, क्योंकि वहां पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं।
राजस्थान में भी बारिश का कहर
राजस्थान भी मॉनसून की मार से अछूता नहीं रहा। मंगलवार को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हुई, जिसमें राजधानी जयपुर भी शामिल है। माउंट आबू में 190 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो इस मौसम में सबसे ज्यादा है। कोटा, झालावाड़, बारा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली, अलवर, राजसमंद, और जयपुर जैसे जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। इस बारिश की वजह से कई बांध और जलाशय अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने वाले हैं। हालांकि, बारिश ने जहां किसानों के लिए राहत दी है, वहीं सड़कों पर जलभराव और बाढ़ जैसे हालात ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
सतर्कता और भविष्य की तैयारी
मॉनसून की इस मार ने एक बार फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने का मौका दे दिया है। हिमाचल में बादल फटने की घटना हो या गुजरात और राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात, हर जगह प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं। लेकिन कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने राहत कार्यों में देरी की शिकायत भी की है, जैसे कि कुल्लू में मई में हुए बादल फटने की घटना में। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। लोगों से अपील है कि वे मौसम विभाग और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक जोखिम से बचें। यह मॉनसून जहां खेतों के लिए वरदान है, वहीं सावधानी न बरतने पर यह मुसीबत भी बन सकता है।