Dilip Doshi: हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में केएल राहुल और ऋषभ पंत ने शानदार सेंचुरी जड़कर भारत को जश्न मनाने का मौका दिया। लेकिन दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया के लिए एक दुखद खबर आई। भारत के पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी का 77 साल की उम्र में निधन हो गया। ESPNcricinfo की रिपोर्ट के मुताबिक, दिलीप का निधन लंदन में दिल का दौरा पड़ने से हुआ। BCCI ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। आइए, इस खबर को छह हिस्सों में समझते हैं और दिलीप दोशी के क्रिकेट करियर को याद करते हैं।
ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार, दिलीप दोशी का निधन लंदन में 24 जून 2025 को हुआ। वे कई सालों से लंदन में रह रहे थे। एक्स पर BCCI ने पोस्ट किया, “BCCI पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है।” दिलीप के परिवार में उनकी पत्नी कालिंदी, बेटा नयन, और बेटी विशाखा हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दिलीप का निधन क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। एक्स पर फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके 1981 मेलबर्न टेस्ट में योगदान को याद किया। दिलीप की सादगी और क्रिकेट के प्रति समर्पण ने उन्हें एक खास पहचान दी थी।
दिलीप दोशी का क्रिकेट करियर
लेफ्ट-आर्म स्पिनर दिलीप दोशी ने भारत के लिए 33 टेस्ट मैच खेले और 114 विकेट लिए। उन्होंने छह बार पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया। 15 वनडे में उनके नाम 22 विकेट हैं। फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में उन्होंने सौराष्ट्र और बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। इंग्लैंड में वे वारविकशायर और नॉटिंघमशायर के लिए खेले। क्रिकइन्फो के अनुसार, दिलीप ने 448 फर्स्ट-क्लास मैचों में 1,341 विकेट लिए, जो उनकी काबिलियत को दर्शाता है। 1981 में मेलबर्न टेस्ट में उनकी गेंदबाजी ने भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। इंडिया टुडे की एक पोस्ट में बताया गया कि दिलीप की सटीक लाइन-लेंथ ने उन्हें एक खतरनाक गेंदबाज बनाया।
32 साल की उम्र में डेब्यू
दिलीप दोशी ने 32 साल की उम्र में 1979 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया। नॉटिंघमशायर में गैरी सोबर्स को खेलते देखकर वे उनसे बहुत प्रभावित हुए। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सोबर्स की गेंदबाजी देखकर दिलीप ने स्पिन को अपने करियर का आधार बनाया। उन्होंने 1980 के दशक में चुपके से क्रिकेट को अलविदा कह दिया, क्योंकि वे उस समय भारतीय क्रिकेट के मैनेजमेंट से नाखुश थे। एक्स पर क्रिकेट हिस्ट्री की एक पोस्ट में बताया गया कि दिलीप ने अपने छोटे इंटरनेशनल करियर में भी गहरी छाप छोड़ी। उनकी आत्मकथा ‘स्पिन पंच’ में उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक खजाना है।
The BCCI mourns the sad demise of former India spinner, Dilip Doshi, who has unfortunately passed away in London.
May his soul rest in peace 🙏 pic.twitter.com/odvkxV2s9a
— BCCI (@BCCI) June 23, 2025
1981 मेलबर्न टेस्ट में चमके
1981 में मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच में दिलीप दोशी का प्रदर्शन यादगार रहा। न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 59 रनों से हराया, और दिलीप ने पहली पारी में 6 विकेट लिए। उनकी गेंदबाजी ने ग्रेग चैपल और किम ह्यूज जैसे दिग्गजों को परेशान किया। क्रिकइन्फो के मुताबिक, इस जीत ने भारत को सीरीज में 1-0 की बढ़त दिलाई, जो उस समय एक बड़ा कारनामा था। एक्स पर BCCI की पोस्ट में इस मैच को याद करते हुए कहा गया कि दिलीप की फिरकी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को चकमा दिया। ये जीत भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम पलों में से एक है।
हेडिंग्ले टेस्ट में राहुल-पंत का जलवा
दिलीप दोशी के निधन की खबर ने हेडिंग्ले टेस्ट की खुशी को फीका कर दिया। KL राहुल ने 127 रन और ऋषभ पंत ने 115 रन की शानदार सेंचुरी लगाई। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने दूसरी पारी में 6 विकेट पर 374 रन बनाए, और इंग्लैंड को 378 रनों का लक्ष्य मिला। एक्स पर क्रिकेट फैंस ने राहुल की शांत बल्लेबाजी और पंत की आक्रामक पारी की तारीफ की। लेकिन दिन के अंत में दिलीप दोशी की खबर ने सभी को झकझोर दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि एक तरफ भारत जीत की उम्मीद जगा रहा था, तो दूसरी तरफ एक दिग्गज क्रिकेटर को खोने का गम था।
दिलीप दोशी की विरासत
दिलीप दोशी का क्रिकेट में योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। 32 साल की उम्र में डेब्यू करने के बावजूद उन्होंने अपने हुनर से दुनिया को हैरान किया। फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक, दिलीप ने स्पिन गेंदबाजी को एक कला की तरह पेश किया। उनकी आत्मकथा ‘स्पिन पंच’ में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के उस दौर की चुनौतियों को बयां किया, जब संसाधन सीमित थे। एक्स पर सचिन तेंदुलकर की पोस्ट में दिलीप को एक सज्जन और शानदार गेंदबाज बताया गया। BCCI ने उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई और कहा कि उनका योगदान युवा स्पिनरों के लिए प्रेरणा है। दिलीप दोशी की फिरकी और उनकी सादगी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी।