MP News: मध्य प्रदेश में शुक्रवार, 20 जून 2025 की रात को राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव की घटना ने हड़कंप मचा दिया। यह वारदात रानी कमलापति (पहले हबीबगंज) और भोपाल स्टेशनों के बीच उस वक्त हुई, जब केएसआर बेंगलुरु-हजरत निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस (22691) गुजर रही थी। इस हमले में सौभाग्य से कोई यात्री घायल नहीं हुआ, लेकिन यात्रियों के बीच डर का माहौल बन गया। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। यह घटना रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
यह पथराव की घटना शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे की है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक प्रत्यक्षदर्शी यात्री ने बताया कि वह ट्रेन के बी-4 कोच में सीट नंबर 41 पर बैठकर खाना खा रहा था। तभी अचानक खिड़की का शीशा टूटा और एक पत्थर सीधे उसकी खाने की प्लेट पर आ गिरा। यह घटना साफ दिखाती है कि पथराव बेहद नजदीक से और खतरनाक इरादे के साथ किया गया था। इस हमले ने न सिर्फ उस यात्री को डरा दिया, बल्कि पूरे कोच में बैठे अन्य यात्रियों में भी दहशत फैल गई। यह कोई छोटी-मोटी शरारत नहीं थी, बल्कि एक ऐसा कृत्य था, जो यात्रियों की जान को जोखिम में डाल सकता था।
RPF ने दर्ज की शिकायत, जांच शुरू
RPF भोपाल डिवीजन के कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि इस मामले में यात्री दीपक कुमार की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। दीपक उस वक्त बी-4 कोच की सीट नंबर 41 पर यात्रा कर रहे थे। प्रशांत यादव ने कहा कि यह घटना रात 10:30 बजे हुई और इसकी जानकारी रेल मदद पोर्टल पर 10:42 बजे दर्ज की गई। उन्होंने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि एक-दो दिन में हम दोषियों को पकड़ लेंगे।” RPF की टीम मौके और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। साथ ही, स्थानीय पुलिस की मदद से संदिग्धों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। यह त्वरित कार्रवाई दिखाती है कि रेलवे इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
इस घटना के वक्त ट्रेन में मौजूद बीजेपी महाराष्ट्र इकाई के नेता चंदन गोस्वामी ने भी अपनी आपबीती साझा की। वे बी-4 कोच की सीट नंबर 9 पर बैठे थे। उन्होंने बताया, “सौभाग्य से पत्थर खिड़की के शीशे के नीचे लगा, जिससे मैं बाल-बाल बच गया।” चंदन ने इस घटना की कड़ी निंदा की और मांग की कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने रेलवे प्रशासन से यह भी अपील की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उनकी इस बात से साफ है कि यह घटना न सिर्फ यात्रियों के लिए डरावनी थी, बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है।
पथराव की घटनाएं चिंता का विषय
यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में ट्रेनों पर पथराव की घटना हुई हो। इससे पहले भी वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों पर पथराव के कई मामले सामने आ चुके हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में मुरैना जिले में रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हुआ था, जिसमें एक शीशा टूट गया था और यात्रियों में दहशत फैल गई थी। उस मामले में RPF ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक 20 साल के युवक को गिरफ्तार किया था। ऐसी घटनाएं रेलवे के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं, क्योंकि ये न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाती हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद में बताया था कि 2019 से अब तक वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव से 55 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
रेलवे की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें, जो हाई-स्पीड और आरामदायक यात्रा के लिए जानी जाती हैं, पर इस तरह की वारदातें चिंताजनक हैं। RPF ने भले ही जांच शुरू कर दी हो, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस उपाय किए जा रहे हैं? रेलवे ने पहले भी ‘ऑपरेशन साथी’ जैसे अभियान शुरू किए हैं, जिनमें रेल पटरियों के आसपास रहने वाले लोगों को पथराव के खतरों के बारे में जागरूक किया जाता है। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं। रेलवे को अब और सख्त कदम उठाने होंगे, जैसे सीसीटीवी की संख्या बढ़ाना, पटरियों के आसपास सुरक्षा गार्ड तैनात करना और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर नियमित गश्त शुरू करना।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम जरूरी
यह पथराव की घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है। राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें लंबी दूरी तय करती हैं और हजारों यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं। ऐसी घटनाएं न सिर्फ यात्रियों का भरोसा तोड़ती हैं, बल्कि रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। यात्रियों की मांग है कि रेलवे और स्थानीय प्रशासन मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। साथ ही, दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे। RPF और स्थानीय पुलिस की सक्रियता से उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही दोषियों का पता चल जाएगा और यात्रियों का भरोसा रेलवे पर बना रहेगा।