IND vs ENG 1st Test: भारतीय टेस्ट क्रिकेट में शुभमन गिल के युग की शुरुआत हेडिंग्ले टेस्ट में शानदार अंदाज में हुई। 20 जून 2025 को शुरू हुए इस पहले टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। लेकिन भारतीय टीम, जो नए जोश और नई रणनीति के साथ मैदान पर उतरी, ने यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की जोड़ी के दम पर शानदार शुरुआत की। इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 91 रनों की साझेदारी की, जो 39 साल बाद लीड्स में भारतीय सलामी बल्लेबाजों की 50 से ज्यादा रनों की ओपनिंग साझेदारी थी। पहले दिन भारत ने 359 रन बनाकर सिर्फ 3 विकेट गंवाए और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। यह दिन भारतीय बल्लेबाजी की ताकत और नए नेतृत्व की झलक दिखाने वाला रहा। आइए, इस शानदार प्रदर्शन को विस्तार से देखें।
जायसवाल और गिल की सेंचुरी ने बनाया इतिहास
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए यशस्वी जायसवाल और कप्तान शुभमन गिल ने कमाल कर दिखाया। यशस्वी ने 159 गेंदों में 16 चौकों और 1 छक्के की मदद से 101 रनों की शानदार पारी खेली। वहीं, कप्तान गिल ने 175 गेंदों में 127 रन बनाकर नाबाद रहे। इन दोनों ने पहले दिन दो सेंचुरी लगाकर एक खास रिकॉर्ड बनाया। वे उन भारतीय जोड़ियों की सूची में शामिल हो गए, जिन्होंने विदेशी दौरे के पहले दिन सेंचुरी जड़ी। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, और शिखर धवन व चेतेश्वर पुजारा ने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ यह कारनामा किया था। जायसवाल और गिल की जोड़ी ने 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ यह इतिहास रचकर भारतीय क्रिकेट के नए युग की शुरुआत की।
पहले दिन 359 रनों का विशाल स्कोर
यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की सेंचुरी के साथ-साथ ऋषभ पंत की नाबाद 65 रनों की पारी ने भारत को पहले दिन 359/3 का मजबूत स्कोर दिया। यशस्वी के 101 रनों के अलावा केएल राहुल ने 42 रनों का योगदान दिया, जबकि डेब्यू करने वाले साई सुदर्शन बिना खाता खोले आउट हो गए। गिल और पंत की नाबाद 138 रनों की साझेदारी ने भारत को दिन के अंत में पूरी तरह हावी रखा। यह स्कोर विदेशी दौरे के पहले दिन 300 से ज्यादा रन बनाने की सूची में तीसरे स्थान पर आता है। इससे पहले 2017 में श्रीलंका के खिलाफ 399/3, 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 372/7, 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ 356/2 और 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 302/4 का स्कोर शामिल है। यह प्रदर्शन भारतीय बल्लेबाजी की गहराई को दर्शाता है।
गिल का कप्तानी में शानदार आगाज
शुभमन गिल ने अपनी पहली टेस्ट कप्तानी में शानदार सेंचुरी ठोककर इतिहास रच दिया। वे विजय हजारे (1951), सुनील गावस्कर (1976), दिलीप वेंगसरकर (1987) और विराट कोहली (2014) के बाद पांचवें भारतीय कप्तान बन गए, जिन्होंने अपनी पहली टेस्ट कप्तानी में सेंचुरी बनाई। गिल ने 140 गेंदों में 14 चौकों की मदद से अपनी सेंचुरी पूरी की और जोश टंग की गेंद पर कवर ड्राइव लगाकर इस मुकाम को हासिल किया। उनकी इस पारी में न सिर्फ तकनीक और धैर्य दिखा, बल्कि कप्तान के तौर पर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया। गिल की यह सेंचुरी उनकी छठी टेस्ट सेंचुरी थी और यह उनका पहला टेस्ट सेंचुरी था, जो उन्होंने एशिया के बाहर बनाया। यह पारी उनके लिए और भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।
जायसवाल का इंग्लैंड में पहला टेस्ट शतक
यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड की धरती पर अपने पहले टेस्ट शतक के साथ कई रिकॉर्ड तोड़े। वे मुरली विजय (2014), विजय मांजरेकर (1952), सौरव गांगुली (1996) और संदीप पाटिल (1982) के बाद पांचवें भारतीय बल्लेबाज बन गए, जिन्होंने इंग्लैंड में अपने पहले टेस्ट पारी में सेंचुरी बनाई। जायसवाल ने 144 गेंदों में अपनी सेंचुरी पूरी की, जिसमें 17 चौके शामिल थे। खास बात यह रही कि उनकी सेंचुरी के दौरान ज्यादातर रन ऑफ साइड पर आए। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को अपनी कट और ड्राइव से परेशान किया। यह उनकी पांचवीं टेस्ट सेंचुरी थी और वे 23 साल की उम्र से पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों में टेस्ट सेंचुरी बनाने वाले पहले विदेशी बल्लेबाज बने। जायसवाल का यह प्रदर्शन उनकी अनुकूलन क्षमता और प्रतिभा को दर्शाता है।
इंग्लैंड के लिए निराशाजनक दिन
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला उल्टा पड़ गया। हेडिंग्ले की पिच पर, जो आमतौर पर गेंदबाजों के लिए मददगार होती है, इस बार बल्लेबाजी के लिए अनुकूल हालात थे। इंग्लैंड के गेंदबाज, जिनमें बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स और जोश टंग शामिल थे, भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे। स्टोक्स ने 2 विकेट लिए, जबकि कार्स को 1 विकेट मिला, लेकिन कुल मिलाकर इंग्लैंड की गेंदबाजी बेअसर रही। शोएब बशीर ने 21 ओवर फेंके और 3.1 की इकोनॉमी से रन रोके, लेकिन विकेट लेने में कामयाबी नहीं मिली। भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को दिन भर परेशान किया और पहले दिन का खेल पूरी तरह अपने नाम कर लिया। यह प्रदर्शन भारत के युवा बल्लेबाजों की प्रतिभा और आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की अनुपस्थिति में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।