Sidhi News: सीधी जिले में इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ हुआ, लेकिन शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश ने आयोजन की योजना में थोड़ा बदलाव ला दिया। पहले तय किए गए स्थान को बदलकर इस बार योग दिवस का कार्यक्रम मानस भवन में आयोजित किया गया। मानस भवन में हुए इस कार्यक्रम में सिर्फ सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि ही शामिल हो पाए। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से हुई, जिसे वहां मौजूद सभी लोगों ने बड़े ध्यान से सुना। यह आयोजन 60×100 के एक सामान्य हॉल में हुआ, जो अब तक सीधी जिले में आयोजित सबसे छोटा योग कार्यक्रम माना जा रहा है। फिर भी, इस आयोजन ने योग के महत्व को लोगों तक पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
भारी बारिश के कारण खुले मैदान में होने वाला योग दिवस का आयोजन संभव नहीं हो पाया, इसलिए मानस भवन को चुना गया। यह हॉल आकार में छोटा था, लेकिन आयोजन का उत्साह कम नहीं था। मानस भवन में मौजूद सभी लोग योग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में सीधी जिले के गणमान्य लोग शामिल हुए, और सभी ने एक साथ योग करके इस दिन को खास बनाया। यह आयोजन भले ही छोटा था, लेकिन इसने यह साबित कर दिया कि योग का महत्व स्थान या परिस्थितियों से बाधित नहीं होता। हर कोई अपने स्तर पर योग को अपनाकर इसके लाभ उठा सकता है।
मुख्य अतिथि और गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी
इस अवसर पर सांसद डॉ. राजेश मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उनके साथ धौनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम, सीधी कलेक्टर स्वरोचिस सोमवंशी, पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा, जिले के सभी विभागों के प्रमुख और स्थानीय नेता भी उपस्थित थे। इन सभी ने मिलकर योग सत्र में हिस्सा लिया और योग के प्रति अपनी जागरूकता दिखाई। सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि बारिश के कारण भले ही आयोजन स्थल बदलना पड़ा, लेकिन योग का जोश और जुनून वही रहा। उन्होंने जिले के लोगों से अपील की कि वे अपने घरों या सूखी जगहों पर योग करें और इसके स्वास्थ्य लाभों को अपने जीवन में शामिल करें।
योग के प्रति जागरूकता और अपील
डॉ. राजेश मក: मिश्रा ने अपने संबोधन में योग को एक ऐसी जीवनशैली बताया, जो न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा भी प्रदान करती है। उन्होंने सभी से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उनके इस संदेश ने लोगों को प्रेरित किया कि वे योग को न सिर्फ एक व्यायाम के रूप में, बल्कि एक समग्र जीवन शैली के रूप में अपनाएं। यह आयोजन भले ही छोटे स्तर पर हुआ, लेकिन इसने योग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का काम किया। सांसद की यह अपील कि लोग अपने घरों में भी योग करें, इस बात का संदेश देती है कि योग के लिए बड़े आयोजन की जरूरत नहीं, इसे कहीं भी किया जा सकता है।
सूर्यनमस्कार पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम में सूर्यनमस्कार पर विशेष रूप से चर्चा की गई। लोगों को बताया गया कि सूर्यनमस्कार एक पूर्ण योग अभ्यास है, जिसमें 12 शारीरिक मुद्राएं शामिल हैं। यह न सिर्फ शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, बल्कि पाचन तंत्र को मजबूत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। सूर्यनमस्कार शरीर को लचीलापन देता है और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है। नियमित रूप से सूर्यनमस्कार करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है। इस सत्र में सूर्यनमस्कार की सभी मुद्राओं को विस्तार से समझाया गया, ताकि लोग इसे आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकें।
योग के लाभ और भविष्य की दिशा
इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि योग न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। सीधी जिले में भले ही इस बार आयोजन छोटा रहा, लेकिन इसने लोगों को यह संदेश दिया कि योग हर किसी के लिए है और इसे कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है। सूर्यनमस्कार जैसे अभ्यासों को अपनाकर लोग अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि बारिश जैसी विपरीत परिस्थितियां भी योग के उत्साह को कम नहीं कर सकतीं। भविष्य में भी ऐसे आयोजनों से योग को और अधिक लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है, ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।