Indore case: शिलांग पुलिस राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में तेजी से आगे बढ़ रही है। इस सनसनीखेज मामले में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सोनम रघुवंशी, जो इस हत्या की मुख्य आरोपी है, इंदौर से गाजीपुर तक टैक्सी से गई थी। शिलांग पुलिस ने इस टैक्सी के ड्राइवर पियूष से इंदौर क्राइम ब्रांच में करीब एक घंटे तक पूछताछ की। पियूष ने मीडिया से कुछ भी साझा नहीं किया और बस इतना कहा, “जो कुछ भी बताना था, मैंने पुलिस वालों को बता दिया।” लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो पियूष ने कई अहम जानकारियां दी हैं, जिनसे इस मामले की गुत्थी सुलझने में मदद मिल रही है। आइए, इस मामले की पूरी कहानी को छह हिस्सों में समझते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पियूष ने पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें बताईं। सोनम ने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या के बाद शिलांग से इंदौर तक का सफर बुरका पहनकर किया। इतना ही नहीं, वो इंदौर से गाजीपुर तक भी बुरके में ही रही, ताकि कोई उसे पहचान न सके। 7 जून को सोनम ने इंदौर के देवास नाका इलाके में किराए के फ्लैट से टैक्सी ली थी। इस दौरान वो लगातार अपने फोन पर किसी से मैसेज कर रही थी। पुलिस को शक है कि वो अपने कथित प्रेमी और इस हत्या के मास्टरमाइंड राज कुशवाहा के संपर्क में थी। पियूष ने बताया कि सोनम ने पूरे रास्ते में न तो कुछ खाया और न ही कहीं रुकी। गाजीपुर बाइपास पर पहुंचने से पहले उसे एक फोन कॉल आया, जिसके बाद उसने गाड़ी रुकवाकर उतरने को कहा। इसके बाद वो वहां से गायब हो गई।
30 हजार की टैक्सी और सोनम का भागना
राज कुशवाहा ने सोनम के लिए 30 हजार रुपये में टैक्सी बुक की थी। ये टैक्सी पियूष को गाजीपुर तक सोनम को छोड़ने के लिए भेजा गया था। पुलिस को पता चला कि राज ने एक ट्रैवल एजेंसी के जरिए इस टैक्सी का इंतजाम किया था। 7 जून को सोनम देवास नाका के किराए के फ्लैट से निकली और पियूष की टैक्सी में सवार हो गई। पूरे सफर में सोनम ने चुप्पी साध रखी थी। उसने ड्राइवर से कोई बात नहीं की और न ही रास्ते में कहीं खाने-पीने के लिए रुकी। पुलिस को शक है कि सोनम को भागने की पूरी योजना पहले से बनाई गई थी। गाजीपुर पहुंचने पर उसने अचानक गाड़ी रुकवाई और बाइपास पर उतर गई। इसके बाद वो एक ढाबे पर पहुंची, जहां से उसने अपने परिवार को फोन किया और फिर नंदगंज पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया।

शिलांग पुलिस को जांच में पता चला कि सोनम ने अपनी पहचान छिपाने के लिए बुरका पहना था। शिलांग से इंदौर और फिर इंदौर से गाजीपुर तक के सफर में वो इसी तरह छिपती रही। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गाजीपुर के रास्ते में सोनम को फोन पर लगातार निर्देश मिल रहे थे। वो किसी से मैसेज के जरिए बात कर रही थी, जिसे पुलिस राज कुशवाहा मान रही है। सोनम ने अपने दोनों फोन और सिम कार्ड तोड़ दिए थे, ताकि उसका लोकेशन ट्रैक न हो सके। हालांकि, राज ने उसे एक दूसरा फोन दिया था, जिसे वो इंदौर तक इस्तेमाल करती रही। गाजीपुर पहुंचने से पहले उसने वो फोन भी कहीं फेंक दिया। पुलिस अब उन मैसेज और कॉल डिटेल्स को खंगाल रही है, ताकि इस साजिश के और सबूत मिल सकें।
पुलिस ने की परिवारों से पूछताछ
मेघालय पुलिस की एक टीम 18 जून को इंदौर पहुंची और दोनों परिवारों से पूछताछ की। सबसे पहले वो सोनम के घर गए, जहां उन्होंने सोनम की मां और भाई गोविंद से करीब दो घंटे तक बात की। गोविंद ने कहा, “हमने पुलिस को सब सच बता दिया है। अगर उन्हें कोई शक है, तो वो हमारी जांच कर सकते हैं।” इसके बाद पुलिस राजा के परिवार से भी मिली और उनकी मां उमा रघुवंशी से बात की। पुलिस ने सोनम के परिवार के बिजनेस से जुड़े कर्मचारियों और राज कुशवाहा के कुछ करीबियों से भी पूछताछ की। देवास नाका के उस फ्लैट की भी तलाशी ली गई, जहां सोनम 25 मई से 7 जून तक छिपी थी। वहां पुलिस को कुछ बर्तन और कपड़े मिले, लेकिन ज्यादा सबूत नहीं मिले। पुलिस का मानना है कि सोनम ने वहां से जाने से पहले सारे सबूत मिटा दिए थे।
मामले में आगे की जांच और सवाल
शिलांग पुलिस अब इस मामले को और गहराई से खंगाल रही है। सोनम और राज कुशवाहा को 19 जून को शिलांग कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी पुलिस कस्टडी को दो दिन और बढ़ा दिया गया। वहीं, तीन अन्य आरोपी—आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान, और आनंद कुर्मी—को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस को शक है कि इस साजिश में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। सोनम के भाई गोविंद को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें इस साजिश की कोई जानकारी नहीं थी। राजा का परिवार लगातार सख्त सजा की मांग कर रहा है। राजा की मां उमा ने कहा, “मेरे बेटे को इंसाफ चाहिए। सोनम और उसके साथियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।” इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, और हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर सोनम ने अपने पति की हत्या की साजिश क्यों रची।