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SpaceX: भारत में सुबह 9:30 बजे होना था लॉन्च, उससे पहले ही स्टारशिप ने छोड़ी चिंगारी

SpaceX: भारत में सुबह 9:30 बजे होना था लॉन्च, उससे पहले ही स्टारशिप ने छोड़ी चिंगारी

आज, 19 जून 2025 को एलन मस्क की कंपनी SpaceX के स्टारशिप रॉकेट में एक बड़ा हादसा हो गया। टेक्सास के स्टारबेस सुविधा केंद्र में शिप 36 रॉकेट की स्टैटिक फायर टेस्टिंग के दौरान ये रॉकेट बम की तरह फट गया। ये रॉकेट अंतरिक्ष में उड़ान भरने की अंतिम तैयारी में था और आज सुबह 9:30 बजे (भारतीय समयानुसार) इसके लॉन्च की योजना थी। लेकिन टेस्टिंग के दौरान हुए इस धमाके ने सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। स्पेसएक्स ने इस हादसे पर आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि टेस्टिंग साइट पर स्थिति नियंत्रण में है और सभी लोग सुरक्षित हैं। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं।

स्पेसएक्स का आधिकारिक बयान

स्पेसएक्स ने अपने बयान में बताया कि स्टारशिप अपने दसवें टेस्ट उड़ान की तैयारी कर रहा था, तभी टेस्टिंग स्टैंड पर एक बड़ा हादसा हुआ। कंपनी ने कहा, “18 जून की रात करीब 11 बजे (सेंट्रल टाइम) टेस्टिंग के दौरान स्टारशिप में एक बड़ी खराबी आई।” पूरे ऑपरेशन के दौरान टेस्टिंग साइट के आसपास एक सुरक्षा घेरा बनाया गया था, जिसके चलते सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। स्पेसएक्स ने ये भी पुष्टि की कि आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं है। कंपनी ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षा जांच पूरी होने तक टेस्टिंग साइट के पास न जाएं। स्पेसएक्स की स्टारबेस टीम अब स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर साइट और आसपास के इलाके को सुरक्षित करने में जुटी है।

रूटीन टेस्टिंग के दौरान धमाका

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिप 36 रॉकेट को आने वाली टेस्ट उड़ान के लिए चुना गया था। इसकी रूटीन स्टैटिक फायर टेस्टिंग टेक्सास के स्टारबेस में चल रही थी। स्टैटिक फायर टेस्ट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रॉकेट के इंजन को जमीन पर ही आग लगाकर चेक किया जाता है, जबकि रॉकेट लॉन्च पैड पर मजबूती से बंधा रहता है। इस टेस्ट के दौरान अचानक एक जोरदार धमाका हुआ, और रॉकेट का अगला हिस्सा फट गया। प्रत्यक्षदर्शियों और लाइव फुटेज में देखा गया कि धमाके के बाद आग की विशाल लपटें उठीं और काला धुआं आसमान में फैल गया। इस हादसे ने स्थानीय लोगों को भी चौंका दिया, जिन्होंने खिड़कियों के हिलने और बर्तनों के खड़कने की बात कही।

सभी सुरक्षित, आपातकालीन कदम उठाए

कैमरन काउंटी के अधिकारियों ने पुष्टि की कि शिप 36 रॉकेट में विनाशकारी खराबी आई, जिसके बाद ये फट गया। धमाके के तुरंत बाद सभी आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किए गए। फायरफाइटर्स और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे। स्पेसएक्स और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर स्थिति को नियंत्रित किया। राहत की बात ये रही कि इस हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। टेस्टिंग साइट पर मौजूद सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। पोर्ट इसाबेल शहर ने निवासियों को सूचित किया कि स्पेसएक्स की टेस्टिंग के दौरान एक असामान्य घटना हुई, और वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं। लोगों से नुकसान की रिपोर्ट करने के लिए एक लिंक भी साझा किया गया।

हादसे की जांच शुरू

इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू हो गई है। स्पेसएक्स ने कहा कि उनकी टीमें डेटा की समीक्षा कर रही हैं ताकि इस बड़ी खराबी की जड़ तक पहुंचा जा सके। ये हादसा स्टारशिप प्रोग्राम के लिए एक और झटका है, क्योंकि इस साल पहले भी दो टेस्ट उड़ानों में रॉकेट हवा में फट चुका है। इसके अलावा, मई में शिप 35 की स्टैटिक फायर टेस्टिंग के दौरान भी एक वस्तु फ्लेम ट्रेंच से बाहर उछली थी, जिससे नुकसान हुआ। ये लगातार असफलताएं एलन मस्क के मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने के सपने को चुनौती दे रही हैं। फिर भी, स्पेसएक्स का कहना है कि ऐसी टेस्टिंग में असफलताएं अपेक्षित हैं, और हर हादसे से सीख मिलती है।

आगे की राह और चुनौतियां

स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसे चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन इसकी टेस्टिंग में बार-बार हो रहे हादसे स्पेसएक्स के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। इस धमाके के बाद दसवीं टेस्ट उड़ान की तारीख अनिश्चित हो गई है, जो 29 जून को प्रस्तावित थी। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) इस घटना की जांच करेगा, और तब तक स्टारशिप की उड़ानों पर रोक लग सकती है। मस्क ने पहले कहा था कि वे हर तीन से चार हफ्ते में उड़ानें करेंगे, लेकिन लगातार असफलताओं ने इस रफ्तार को धीमा कर दिया। फिर भी, स्पेसएक्स का कहना है कि वे पुन: उपयोग योग्य रॉकेट बनाने के अपने मिशन पर अडिग हैं, जो अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता और सुलभ बनाएगा। इस हादसे से सीख लेकर कंपनी भविष्य में और मजबूत वापसी की उम्मीद कर रही है।

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