American F-35: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होते ही भारत को एक बड़ा प्रस्ताव दिया है। उन्होंने भारत को अमेरिका का सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट F-35 बेचने की पेशकश की है। F-35 दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक है, जो अभी तक केवल अमेरिका के करीबी सहयोगी देशों जैसे ब्रिटेन, इजराइल, जापान और ऑस्ट्रेलिया के पास ही उपलब्ध है। अगर भारत इस विमान को खरीदने के लिए सहमत होता है, तो वह भी इन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। हालांकि, अभी तक भारत और अमेरिका के बीच F-35 की खरीद को लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है।
F-35 क्यों है खास?
F-35 एक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो अपनी उन्नत तकनीक और बहुमुखी क्षमताओं के लिए जाना जाता है। यह सिंगल-सीट और सिंगल-इंजन वाला स्टील्थ मल्टीरोल कॉम्बैट विमान है। इसे हवाई हमले, उड़ान में उत्कृष्टता, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और खुफिया जानकारी जुटाने जैसे मिशनों को बखूबी अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी खासियत यह है कि यह रडार से बच सकता है और दुश्मन के लिए इसे पकड़ना मुश्किल होता है। F-35 में सेंसर फ्यूजन तकनीक है, जो इसे रियल-टाइम में अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ संचार करने की क्षमता देती है। यह इसे पुरानी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से कहीं ज्यादा बेहतर बनाता है।
F-35 के तीन वैरिएंट
F-35 के तीन अलग-अलग वैरिएंट हैं, जो विभिन्न जरूरतों को पूरा करते हैं। पहला वैरिएंट F-35A है, जिसे पारंपरिक टेकऑफ और लैंडिंग के लिए बनाया गया है। दूसरा वैरिएंट F-35B है, जो शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। तीसरा वैरिएंट F-35C है, जिसे नौसेना के विमानवाहक पोतों पर ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया है। ये तीनों वैरिएंट F-35 को अलग-अलग युद्ध परिदृश्यों में प्रभावी बनाते हैं। भारत अगर इस विमान को खरीदता है, तो उसे अपनी रक्षा जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त वैरिएंट चुनने का मौका मिलेगा।

लक्ष्य भेदने में बेजोड़
F-35 की डिज़ाइन ऐसी है कि यह रडार की पकड़ में आने से बच सकता है। इसमें लगे सेंसर और इन्फ्रारेड सिस्टम पायलट के लिए काम को आसान बनाते हैं। यह विमान MBDA मेटियोर जैसी बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलों से लैस है, जो बिना दिखाई दिए ही लक्ष्य को भेद सकती हैं। F-35 में हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम है, जो पायलट को 360 डिग्री का व्यू देता है और उसे युद्ध के दौरान बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है। यह विमान वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है, जो इसे छोटे रनवे या विमानवाहक पोतों पर भी इस्तेमाल करने के लिए आदर्श बनाता है।
सेना की तीनों इकाइयों के साथ तालमेल
F-35 की एक और खासियत यह है कि यह सेना की तीनों इकाइयों—थलसेना, नौसेना और वायुसेना—के साथ रियल-टाइम में जानकारी साझा कर सकता है। यह सुविधा इसे युद्ध के मैदान में बेहद प्रभावी बनाती है। F-35 में लगे सेंसर और कम्युनिकेशन सिस्टम इसे एक चलता-फिरता कमांड सेंटर बनाते हैं। यह विमान न केवल हवाई हमले बल्कि खुफिया जानकारी जुटाने और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में भी माहिर है। भारत जैसे देश के लिए, जो अपनी सीमाओं पर लगातार चुनौतियों का सामना करता है, F-35 जैसे विमान रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
भारत-अमेरिका रक्षा सौदे की संभावना
अब तक भारत उन देशों की सूची में शामिल नहीं था, जिन्हें F-35 खरीदने की अनुमति थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का यह प्रस्ताव भारत-अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। ट्रंप का जोर भारत के साथ बड़े रक्षा सौदे करने पर है, और F-35 की पेशकश इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। अगर भारत इस सौदे को स्वीकार करता है, तो यह न केवल भारत की वायुसेना को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी गहरा करेगा। हालांकि, इस सौदे की लागत और शर्तों को लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। भारत को इस मौके का फायदा उठाने के लिए अपनी रक्षा जरूरतों और बजट का सावधानीपूर्वक आकलन करना होगा।