Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रविवार सुबह एक दुखद हादसा हुआ, जब केदारनाथ धाम से तीर्थयात्रियों को लेकर गुप्तकाशी जा रहा एक हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास धूरी खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सात लोगों की जान चली गई, जिनमें महाराष्ट्र से आए एक दंपति और उनका 23 महीने का बच्चा भी शामिल है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने इस हादसे की पुष्टि की है। यह हेलीकॉप्टर आर्यन हेली एविएशन का बताया जा रहा है। हादसा सुबह करीब 5 बजे हुआ। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर राहत कार्य में जुटे हैं।
हादसे की खबर नेपाली मूल की महिलाओं ने दी
हेलीकॉप्टर में पायलट सहित कुल सात लोग सवार थे। गौरीकुंड के ऊपरी इलाके में घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं ने हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना दी। उन्होंने हादसे की जगह पर धुआं और मलबा देखा और तुरंत स्थानीय लोगों को अलर्ट किया। हेलीकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने हादसे की पुष्टि की। हादसे की जगह जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “रुद्रप्रयाग जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का बहुत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। SDRF, स्थानीय प्रशासन और अन्य बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की सुरक्षा की कामना करता हूं।” मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हादसे के कारणों की जांच के लिए एक सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
हादसे का कारण: खराब मौसम और तकनीकी खराबी
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा खराब मौसम और तकनीकी खराबी के कारण हुआ। हेलीकॉप्टर 15 जून 2025 को सुबह 5:17 बजे केदारनाथ हेलीपैड से छह तीर्थयात्रियों को लेकर गुप्तकाशी हेलीपैड के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में खराब मौसम के कारण पायलट ने हेलीकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान हेलीकॉप्टर एक कठिन लैंडिंग के बाद क्षतिग्रस्त हो गया और आग लग गई। यह इस साल 2 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद से हेलीकॉप्टर दुर्घटना की पांचवीं घटना है, जिसने हेली-सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
मृतकों की पहचान
हादसे में सात लोगों की जान गई है, जिनमें पायलट और छह तीर्थयात्री शामिल हैं। मृतकों में महाराष्ट्र से आए जायसवाल दंपति और उनका 23 महीने का बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा, दो स्थानीय लोग भी इस हादसे का शिकार हुए। मृतकों के नाम इस प्रकार हैं:
- राजवीर – पायलट
- विक्रम रावत – बीकेटीसी निवासी, रासी उखीमठ, उत्तराखंड
- विनोद
- तृष्टि सिंह
- राजकुमार
- श्रद्धा
- राशि – 10 साल की बच्ची
इन सभी की मौत ने उनके परिवारों और स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
बचाव कार्य और आगे की जांच
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, NDRF, और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं। दुर्घटना स्थल धूरी खर्क के जंगली और पहाड़ी इलाके में होने के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण रहा। हेलीकॉप्टर के मलबे में आग लगने से स्थिति और जटिल हो गई थी। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने बयान जारी कर कहा कि हादसे के कारणों की जांच के लिए एक टीम भेजी गई है। यह भी बताया गया कि तीर्थयात्री उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात के रहने वाले थे। इस हादसे ने चारधाम यात्रा के दौरान हेली-सेवाओं की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सभी मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की जा रही है।