PM Narendra Modi 18 जून 2025 को एक और इतिहास रचने जा रहे हैं। जी हां, पीएम मोदी अपनी तीन दिवसीय विदेश यात्रा के आखिरी पड़ाव में 18 जून को क्रोएशिया पहुंचेंगे। यह पहला मौका होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री क्रोएशिया का आधिकारिक दौरा करेगा। क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर पीएम मोदी इस यूरोपीय देश की यात्रा करेंगे। इस दौरे के दौरान वे क्रोएशिया के प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे। यह दौरा भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रधानमंत्री मोदी 15 जून से अपनी तीन देशों की यात्रा शुरू करेंगे, जिसमें साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी पहले साइप्रस जाएंगे, फिर कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और अंत में क्रोएशिया का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “क्रोएशिया की यह यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।” यह दौरा भारत के वैश्विक कद को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
साइप्रस का दौरा: 20 साल बाद पहली यात्रा
PM Narendra Modi 15-16 जून को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिदेस के निमंत्रण पर साइप्रस जाएंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा होगी। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी साइप्रस की राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिदेस के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा, वे लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह यात्रा भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा यूरोपीय संघ के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दोहराएगी।” यह दौरा भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा
यात्रा के दूसरे चरण में, पीएम मोदी 16-17 जून को कनाडा के कानानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह निमंत्रण कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने दिया है। यह लगातार छठा मौका होगा जब पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस सम्मेलन में पीएम मोदी जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित देशों के प्रमुखों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इनमें ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक और नवाचार, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ऊर्जा के बीच संबंध जैसे विषय शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
क्रोएशिया दौरा: नए संबंधों की शुरुआत
यात्रा के आखिरी पड़ाव में, पीएम मोदी 18 जून को क्रोएशिया पहुंचेंगे। यह दौरा क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर हो रहा है। इस दौरान पीएम मोदी प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। वे क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे। यह दौरा भारत और क्रोएशिया के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर है। क्रोएशिया, जो यूरोपीय संघ का हिस्सा है, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बन सकता है।
भारत की वैश्विक कूटनीति को नई दिशा
पीएम मोदी की यह तीन देशों की यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साइप्रस और क्रोएशिया जैसे देशों के साथ संबंधों को गहरा करना भारत को यूरोपीय संघ और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका देगा। वहीं, जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी भारत को वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने और ऊर्जा, तकनीक, और एआई जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व करने का अवसर देगी। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर देश के बढ़ते प्रभाव को भी रेखांकित करता है। यह यात्रा भारत के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगी और वैश्विक समुदाय के साथ सहयोग को बढ़ावा देगी।