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Chhattisgarh के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए

On: June 12, 2025 10:38 AM
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Chhattisgarh के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए
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बुधवार को Chhattisgarh के सुकमा ज़िले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच ज़बरदस्त मुठभेड़ हुई। पुलिस ने जानकारी दी कि यह मुठभेड़ कुकनार थाना क्षेत्र के पुशगुना गांव के जंगलों में हुई। जिला पुलिस बल की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और कुकनार पुलिस की टीम ने सुबह-सुबह गुप्त सूचना के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया था। जैसे ही जवान जंगल के अंदर पहुँचे, दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।

दोपहर दो बजे से लगातार कई राउंड फायरिंग होती रही। सुरक्षा बलों और माओवादी उग्रवादियों के बीच भारी गोलीबारी के बाद जब फायरिंग थमी तो घटनास्थल से दो नक्सलियों के शव बरामद हुए। इन शवों में एक महिला नक्सली भी शामिल थी। उनके पास से एक INSAS राइफल, एक 12 बोर की बंदूक, अन्य हथियार, कारतूस और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये नक्सली किसी बड़ी साजिश की तैयारी में थे।

पांच लाख का इनामी कमांडर ढेर

पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में एक की पहचान संगठन के स्थानीय कमांडर बमन के रूप में हुई है। वह पेदारास गांव का निवासी था और उस पर ₹5 लाख का इनाम घोषित था। बमन लंबे समय से सक्रिय था और कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। महिला नक्सली की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। संभावना जताई जा रही है कि वह किसी विशेष महिला यूनिट से जुड़ी थी।

Chhattisgarh के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए

यह मुठभेड़ उस दर्दनाक घटना के बाद हुई जिसमें सोमवार को सुकमा ज़िले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED विस्फोट में कांटा डिविजन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिर्पुंजे शहीद हो गए थे। उस विस्फोट ने सुरक्षा बलों में आक्रोश भर दिया था और उसी के बाद यह तलाशी अभियान और तेज़ कर दिया गया था। इस कार्रवाई को उसी का जवाब माना जा रहा है।

दंतेवाड़ा में सात नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा की मुठभेड़ के बीच दंतेवाड़ा ज़िले से राहत देने वाली खबर भी सामने आई है। यहां सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई। आत्मसमर्पण करने वालों में जगलू उर्फ सुंदुम कोवासी (23), दशा उर्फ बुर्कू पोडियम (26), भोजा राम मडवी (48), लखमा उर्फ सूटी (26), रतू उर्फ ओथे कोवासी (25), सुखराम पोडियम (25) और पंदुरू राम पोडियम (45) शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार सात आत्मसमर्पित नक्सलियों में से दो—जगलू और दशा—पर ₹50,000 का इनाम घोषित था। ये दोनों लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे और नक्सली बंद के दौरान सड़कें खोदने, पेड़ काटने, बैनर-पोस्टर लगाने जैसे कामों में सक्रिय भूमिका निभाते थे। आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सली भी गांवों में युवाओं को नक्सली संगठन में शामिल करने के कार्य में शामिल थे।

‘लोन वर्राटू’ अभियान का असर

दंतेवाड़ा में चल रहे ‘लोन वर्राटू’ (घर लौटो) अभियान का प्रभाव अब साफ दिखने लगा है। इस अभियान के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जाता है। सुरक्षा बलों और प्रशासन की संयुक्त पहल से यह अभियान सफल हो रहा है। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की सहायता राशि दी गई है।

नई शुरुआत के लिए प्रशिक्षण और सुविधाएं भी मिय नक्सलियों का सफाया किया जा रहा है तो दूसरी ओर ‘लोन वर्राटू’ जैसे अभियानों से नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह दोतरफा रणनीति प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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